पल्लू
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में
नोहर तहसील का एक गांव है। यह
जंगल देश के सिहाग जाटों का ठिकाना
था। कहा जाता है कि पहले इसका
नाम कोट कल्लूर था, जो बाद
में इस ठिकाने के जाट सरदार की
लड़की के नाम पर
पल्लू हो गया।
पल्लू के बारे में एक कथा
प्रचलित है कि मूगंधड़का
नामक जाट का कोट कल्लूर पर अधिकर
था। उसने डरकर दिल्ली के साहब
नामक शहजादे से अपनी बेटी पल्लू
का विवाह कर दिया। लेकिन वह मन से
नहीं चाहता था, अतः उसने अपने
दामाद को भोजन में विष दे दिया जो
अपने महल में जाकर मर गया। कुछ
देर बाद जाटने अपने बेटे को पता
लगाने के लिए भेजा कि साहब मर गया
या नहीं। उसने जैसे ही महल की
खिड़की में मुंह डाला, क्रुद्ध
पल्लू ने उसका सिर काट लिया और
उसकी लाश को महल में छुपा लिया।
इस प्रकार बारी-बारी से उसने पांचो
भाइयों को मार दिया, इस पर जाट ने
कहा -
जावै सो आवै नहीं, यो ही बड़ो
हिलूर (फितूर)।
के गिटगी पल्लू पापणी, के
गिटगो कोट किलूर ।।
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